
चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी VIVO अब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की स्पांसर नहीं रहेगी। देश में इस मुद्दे को लेकर भारी विरोध हो रहा था। इसके मद्देनजर VIVO कंपनी की ओर से यह फैसला आज मंगलवार को लिया गया। जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी। इसी क्रम में IPL की VIVO को स्पॉन्सरशिप का भी विरोध हो रहा था।
बता दें कि IPLका तेरहवां संस्करण UAEमें अगले महीने 19 सितंबर से शुरू होगा। इसका फाइनल मैच 10 नवंबर को खेला जाएगा। पहले यह लीग मार्च में भारत में ही खेली जानी थी, लेकिन covid-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया था।
BCCI से जुड़े एक सूत्र के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक Vivo इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के इस साल होने वाले 13वें एडीशन से बाहर हुई है। चूंकी इस बारे में हुए कॉन्ट्रैक्ट के अभी 3 साल बाकी है इस लिए 2021, 2022 और 2023 में होने वाले IPL की स्पॉन्सर अभी VIVO के पास ही रहेगी। इस सूत्र ने आगे कहा कि BCCI UAEमें होने वाले IPLके तेरहवां संस्करण के लिए sponsorship हेतु अगले 3 दिनों में
नया टेंडर जारी करेगी। इसके बाद नए sponsor के बारे में निणर्य लिया जाएगा।
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि खराब बिक्री और भारत में चीन विरोधी भावनाओं का हवाला देते हुए इस साल के लिए 130 करोड़ रुपये का कट चाहती थी। VIVO को sponsorship करार की शर्तों के मुताबिक इस साल BCCI को 440 करोड़ रूपये देने थे। बता दें कि IPL की sponsorship के लिए IPL ने BCCI के साथ 5 साल का करार किया है, इस करार का मूल्य 2,199 करोड़ रुपये है यानी IPL की sponsorship के लिए VIVO 2,199 करोड़ रुपये देगी।