बजट 2021-22 (Budget 2021-22) : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की योजना को मंजूरी दी। Scrappage Policy के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों को स्क्रैप करने की घोषणा की गई है। हालांकि निजी वाहन मालिकों को राहत मिली है। ऐसा इसलिए है क्योंकि निजी कारों को अब 15 के बजाय 20 साल बाद कबाड़ मे डाल दिया जाएगा।
15 साल से पुराने सरकारी वाहन अब सड़कों पर नहीं दिखेंगे. इसे कबाड़ मे डालने के आलवा कोइ चारा नही बचेगा । इससे कबाड़ व्यापारियों को भी काफी फायदा होगा। सरकार के इस ऐलान से 20 साल पुराने वाहनों का क्या होगा यह सवाल वाहन मालिकों के मन में है। तो आप अपनी कार को और पांच साल तक चला सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 15 साल की जगह 20 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप करना अनिवार्य होगा. आपको अपनी 20 साल से अधिक पुरानी कार को स्क्रैप सेंटर को बेचना होगा। इसके बाद आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। तदनुसार, नई कार पंजीकरण मे छूट दी जा सकती है।
Scrappage Policy क्या है?
केंद्र सरकार की स्क्रैपेज नीति कमर्शियल, सरकारी और निजी वाहनों पर लागू होती है। यदि कोई व्यावसायिक वाहन आठ वर्ष से अधिक पुराना है, तो उस पर ग्रीन टैक्स लगता है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास एक कमर्शियल व्हीकल है, तो आपको उसकी फिटनेस को परखने की जरूरत है। इस वाहन के लिए आपको रोड टैक्स के साथ-साथ ग्रीन टैक्स भी देना होगा। दोपहिया हो या चौपहिया, किसी भी कमर्शियल वाहन पर ग्रीन टैक्स दिया जाता है। सरकारी परिवहन वाहनों को 15 साल बाद स्क्रैप करने का प्रावधान है।
Scrappage Policy के क्या लाभ हैं?
स्क्रैपेज नीति प्रदूषण को कम करने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी। वहीं, नए वाहनों की मांग से ऑटो उद्योग की सेहत में सुधार की उम्मीद है। इस नीति के तहत 2.80 करोड़ वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के दायरे में आएंगे। पुराने वाहनो कि जगह नये वाहन सड्क पर आने से 9550 करोड रुपये की बचत होने का अनुमान है। अगले साल 2400 करोड़ ईंधन की बचत होगी। कुछ वाहनों में 50 से 55 प्रतिशत स्टील होता है। इन वाहनों के स्क्रैप से 6550 करोड़ रुपये का स्टील स्क्रैप मिलेगा। इसलिए विदेश से आयात करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
नितिन गडकरीजीने दिया था संकेत
कुछ दिन पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और भूमि मंत्री नितिन गडकरीजी ने स्क्रैपिंग पॉलिसी के संकेत दिए थे। भारत में सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा खरीदे गए 15 साल से अधिक पुराने वाहन अब सीधे स्क्रैप में जाएंगे। वाहन स्क्रैप नीति को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा और इसे 1 अप्रैल 2022 से लागू किया जाएगा। सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन स्क्रैप नीति को मंजूरी देने कि बात कही थी।